श्रौतकर्मपरायण पं.भगवत्प्रसादजी वेदाचार्य
July 20, 2020 2020-07-30 8:23श्रौतकर्मपरायण पं.भगवत्प्रसादजी वेदाचार्य
गौड विप्र कुलभूषण राजस्थान प्रान्त के जयपुर नगर के मूल निवासी पं. भगवत्प्रसादजी वेदाचार्य का नाम वैदिक वाड्.मय के इतिहास में विश्रुत है। संस्कृत विद्या के प्रधान केन्द्र काशी नगरी में सम्पूर्णानन्द सं.वि.वि. के वेद विभाग के अध्यक्ष के रूप मेंकार्य करते हुए आपने जयपुर नगर को यशोमण्डित किया है। इनसे पूर्व पण्डित विजयचन्द्र जी चतुर्वेदी वेदाचार्य ने सर्वप्रथम संस्कृत विश्वविद्यालय,वाराणसी में वेदाध्ययन का कार्य प्रारम्भ किया था। उस शृंखला में में आप द्वितीय व्यक्ति हैं जिन्हें मूलत: जयपुर निवासी होते हुए वाराणसी को कार्यस्थली बनाने का गौरव प्राप्त है। विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त होने के उपरान्त आपने आहिताग्नि के रूप में शोधयज्ञ सम्पादन का कार्य स्वीकार किया था और जीवनपर्यन्त आप शोध यज्ञ कार्य में प्रवृत्त रहे । आपके संरक्षण में वेद विभाग ने आशातीत उन्नति प्राप्त की । समग्र भारतवर्ष में वैदिक विद्वानों के रूप में आपके सच्चे शिष्यों की एक सुदीर्घ परम्परा आपकी यशकीर्ति का कारण है।

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