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पं. श्री गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न ‘ झालरापाटन

Sanskrit Surya

पं. श्री गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न ‘ झालरापाटन

 ‘नवरत्‍न’ उपनाम भगवती सरस्‍वती के वरद पुत्र पं. गिरिधर शर्मा ने राजस्‍थान के झालावाड मण्‍डलान्‍तर्गत झालरापाटन नामक नगर में गुर्जर देशीय प्रश्‍नवर नागर  ब्राह्मण श्री ब्रजेश्‍वर जी शर्मा के पुत्र के रूप में ज्‍येष्‍ठ शुक्‍ला अष्‍टमी संवत् 1938 को जन्‍म लिया । आपने संस्‍कृत काव्‍य साहित्‍य का सम्‍यक् अनुशीलन किया । उर्दू, फारसी, अरबी,अंग्रेजी, मराठी व बंगला भाषा विज्ञ श्री नवरत्‍न जी बाल्‍यकाल से ही ब्रजभाषा, हिन्‍दी तथा संस्‍कृत में लिखते रहे हैं। आपके गुरूजनों में यतिवर श्री रूपचन्‍द्र जी, जडावजी भट्ट, प्रश्‍नवर कान्‍हजी भट्ट,वीरेश्‍वर शास्‍त्री द्राविड, शिवकुमार शास्‍त्री, म.म;गंगाधर शास्‍त्री (वाराणसी)उल्‍लेखनीय हैं।

आपकी कृतियों में श्री भवानीसिंहकारकरत्‍नम्, श्री भवानीसिंह सदुत्‍तपुष्‍पगुचछ- अमरसूक्तिसुधाकर, करूणप्रशस्ति, प्रेमपयोनिधि, अभेदरस:,न्‍यायवाक्‍सुधा, नवरत्‍ननीति, गिरिधर सप्‍तशती, नीतिसौन्‍दर्योद्यानम्, गीतांजलि आदि प्रसिद्ध हैं। इनके अतिरिक्‍त भी आपने अनेक स्‍तोत्रों की रचना की । आप अपने समय के उल्‍लेखनीय मार्मिक विद्वान् रहे हैं।

 

 

Comment (1)

  1. Kapila

    आधुनिक संस्कृत कवियों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ प्रशंसनीय कार्य हैं।

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