आशुकवि पं. श्री नित्यानन्द जी शास्त्री , जोधपुर
July 20, 2020 2020-07-30 7:54आशुकवि पं. श्री नित्यानन्द जी शास्त्री , जोधपुर
आशुकवि पं. श्री नित्यानन्द जी शास्त्री , जोधपुर
आपका जन्म माघकृष्णा एकादशी संवत् 1946 से जोधपुर में हुआ था। वेदाध्ययन से शिक्षा प्रारम्भ कर आपने संस्कृत विशारद प्रभृति परीक्षायें उत्तीर्ण करते हुए ओरियन्टल कॉलेज, लाहौर से नियमित छात्र के रूप में शास्त्री की परीक्षा उत्तीर्ण की । कॉलेज के प्रिन्सिपल श्री ए.सी. बुलनर एवं संस्कृत प्राध्यापक म.म.पं.शिवदत्त शास्त्री आपके सर्जनात्मक कार्य से प्रसन्न थे तथा विद्वत् परिषद् लाहौर ने आपको ‘आशुकवि’ की पदवी देकर सम्मानित किया था। संस्कृत, हिन्दी विन्दी मानित किया था। संस्कृत us ,e-,- laLd=r अंग्रेजी भाषाओं पर आपका समान अधिकार था। अध्ययनोपरान्त आपने खेमराज श्रीकृष्णदास के श्री वेंकेटेश्वर प्रेस में ग्रन्थ सम्पादन का कार्य किया तथा कुछ समय स्थानीय महावीर कॉलेज में संस्कृत के प्रोफेसर भी रहे । कुछ समय आप गुजरात प्रान्त में भी रहे । भावनगर की जैन आत्मानन्द ग्रन्थ माला के प्रधान सम्पादक रहे तथा अनेक जैन मुनियों को आपने संस्कृताध्यापन किया । इसके बाद आपने 25 वर्ष तक अपनी जन्म भूमि जोधपुर में नोबल्स हाईस्कूल में संस्कृताध्यापन किया । आपने स्व. जोधपुर नरेश श्री उम्मेदसिंह जी को भी पढाया था। जीवन पर्यन्त आप संस्कृत-संस्कृति के पोषक एवं लेखक रहे । आपकी अनेक रचनायें हैं जिनमें ‘हनुमल्लहरि’ प्रसिद्ध है।

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