पाण्डुलिपि संसाधन/पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र कार्य हेतु आवेदन-पत्र
December 14, 2022 2022-12-14 16:08पाण्डुलिपि संसाधन/पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र कार्य हेतु आवेदन-पत्र
MRC सेन्टर अनुबन्ध
यह अनुबन्ध आज दिनांक माह को 2022 को राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर प्रथम पक्ष एवं द्वितीय पक्ष नाम के मध्य पाण्डुलिपि संसाधन केन्द्र (MRC) से संबंधित कार्य योजना के संचालन एवं सम्पादन हेतु किया जा रहा है।
02 यह है कि अनुबन्ध के अन्तर्गत राजस्थान संस्कृत अकादमी एवं मै. द्वारा संयुक्त रूप से पाण्डुलिपियों की कैटलॉगिंग का कार्य करेगी, यह कार्य राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन की योजनान्तर्गत अकादमी द्वारा राज्य में संचालित किया जावेगा तथा अनुबन्ध के अन्तर्गत संस्था अकादमी की सहयोगी संस्था के रूप में कार्य करेगी ।
03 दायरा/सीमा क्षेत्र संस्था का मै. का सीमा क्षेत्र जयपुर एवं बीकानेर में उपलब्ध पाण्डुलिपियों का सर्वे, कैटलॉगिंग का कार्य करना होगा । इसके अन्तर्गत व्यक्तिगत ग्रन्थालय, संस्थागत ग्रन्थालयों में अकादमी द्वारा निर्धारित स्थानों पर ग्रन्थों की कैटलॉगिंग कार्य करेंगी तथा जिले में इससे संबंधित जागरूकता अभियान प्रशिक्षण, कार्यशालाऐं आदि अकादमी के माध्यम से ही कर सकेंगी । स्वतन्त्र रूप से अथवा अकादमी की अनुमति के बिना कोई कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा ।
04 ऑनलाइन कैटलागिंग
संस्था द्वारा पाण्डुलिपियों की कैटलागिंग निर्धारित प्रपत्र में भरकर डाटा संस्कृत अकादमी को मेल द्वारा प्रेषित किया जावेगा । राजस्थान संस्कृत अकादमी के अतिरिक्त अन्य किसी व्यक्ति अथवा संस्था को यह नहीं भेजा जा सकेगा । ऐसा किये जाने पर अथवा पाये जाने पर संस्था दोषी मानी जावेगी। ऐसी स्थिति में अनुबन्ध समाप्त कर दिया जावेगा ।
अवधि
यह अनुबन्ध आज दिनांक से 31 मार्च, 2024 तक मान्य होगा । दोनों संस्थाओं की सहमति इसे आगे बढाया जा सकेगा ।
लक्ष्य
MRC के अन्तर्गत संस्था मै. को 5000 डाटा वित्तीय वर्ष में कैटलागिंग करना होगा तथा प्रतिमाह लगभग 800 डाटा संकलन के साथ कार्य सुनिश्चित करना होगा ।
वित्तीय निहितार्थ
MRC सेन्टर कार्य हेतु संस्था को किये गये कार्य का भारत सरकार द्वारा अनुमोदन के पश्चात तीन किश्तों में संबंधित व्यक्ति/संस्था को निम्नानुसार भुगतान किया जावेगा:-
लक्ष्य प्रतिशत | भौतिक लक्ष्य | भुगतान प्रतिशत | भुगतान की राशि (रू.) |
---|---|---|---|
25 प्रतिशत | 1250 | 25 प्रतिशत | 1,50,000/: |
25- 50 प्रतिशत | 2500 | 25 प्रतिशत | 1,50,000/- |
सम्पूर्ण कार्य पर | 5000 | 50 प्रतिशत | 3,25,000/- |
डाटा एन्ट्री (MRC) का व्यय भुगतान प्रति डाटा (पाण्डुलिपि) रूपये 100/- इसके अन्तर्गत लैपटॉप/कम्प्यूटर- मॉडम आदि व्यक्ति/ संस्थाओं को होगा।
प्रशासनिक/तकनीकी व्यय प्रति डाटा (पाण्डुलिपि) रूपये 25/- इस प्रकार कुल रूपये 125/- रूपये प्रति डाटा पाण्डुलिपि दिया जावेगा।
कार्य हेतु अनुबन्ध की अन्य शर्ते निम्नानुसार है :-
- संस्था/व्यक्ति राजस्थान का निवासी होना चाहिये ।
- सस्था/ट्रस्ट सहकारी अधिनियम/ट्रस्ट अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत होना चाहिये।राजस्थान संस्कृत अकादमी से मान्यता प्राप्त हो ।
- अकादमी से सम्बद्ध/सरकारी विभाग/उपक्रम आवेदन कर सकते है।
- संस्था या ट्रस्ट की स्थिति में विगत तीन वर्षो का वार्षिक टर्नओवर रूपये 10.00 लाख न्यूनतम होना आवश्यक है ।
- कैटलागिंग का कार्य एन.एम.एम. के प्रारूप के अनुसार पूर्ति की जाकर अकादमी को ऑनलाइन प्रेषित करना होगा।
- भारत सरकार/संस्था अकादमी द्वारा निर्धारित समयावधि में ही कार्य सम्पादित किया जावेगा ।
- संबंधित संस्था द्वारा भारत सरकार/एन.एम.एम.के निर्देशों के आलोक में न्यूनतम योग्य/पात्र कार्मिक नियोजित करने होंगे ।
- पाण्डुलिपि के सर्वे/संग्रहण/प्रचार-प्रसार/प्रकाशन एवं पोर्टल पर सम्प्रेषण का प्रशिक्षण अकादमी द्वारा किया जावेगा ।
- पाण्डुलिपि का भौतिक स्वामित्व संबधित व्यक्ति/ ट्रस्ट /संस्था का ही रहेगा, जिसके पास पाण्डुलिपियॉ है।
- नियोजित कार्मिकों/संस्था को जहॉ पाण्डुलिपियॉ उपलब्ध है, वहीं जाकर कार्य करना होगा ।
- प्रति दिन कार्य की प्रगति/ डेटाशीट अकादमी की मेल आई.डी. पर सायंकाल 5:00 बजे तक दैनिक रूप से प्रेषित करनी होगी ।
- डेटा शीट का उपयोग राजस्थान संस्कृत अकादमी/ एन.एम.एम. के अतिरिक्त अन्यत्र कही भी उपयोग नहीं किया जा सकेगा । अनुबन्ध की पालना नहीं किये जाने की स्थिति में अकादमी विधिक कार्यवाही के लिये स्वतन्त्र होगी ।
- आवेदक को निर्धारित लक्ष्य अनुरूप अमानत राशि 5 प्रतिशत अकादमी को जमा करानी होगी । जिसे समाप्ति पर लौटाया जा सकेगा ।
- प्राप्त आवेदनों पर अंतिम निर्णय अकादमी स्तर पर लिया जावेगा । प्राप्त आवेदन को स्वीकार करने अथवा निरस्त करने का अधिकार राजस्थान संस्कृत अकादमी को होगा।
MCC सेन्टर अनुबन्ध
- राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर प्रथम पक्ष एवं द्वितीय पक्ष नाम के मध्य पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र (MCC) से संबंधित कार्य योजना के संचालन एवं सम्पादन हेतु किया जा रहा है।
02 यह है कि अनुबन्ध के अन्तर्गत राजस्थान संस्कृत अकादमी एवं मै. द्वारा संयुक्त रूप से पाण्डुलिपियों के संरक्षण का कार्य करेगी, यह कार्य राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन की योजनान्तर्गत अकादमी द्वारा राज्य में संचालित किया जावेगा तथा अनुबन्ध के अन्तर्गत संस्था अकादमी की सहयोगी संस्था के रूप में कार्य करेगी ।
03 दायरा/सीमा क्षेत्र संस्था का मै. का सीमा क्षेत्र जयपुर एवं बीकानेर में उपलब्ध पाण्डुलिपियों के संरक्षण का कार्य करना होगा । इसके अन्तर्गत व्यक्तिगत ग्रन्थालय, संस्थागत ग्रन्थालयों में अकादमी द्वारा निर्धारित स्थानों पर ग्रन्थों के संरक्षण कार्य करेंगी तथा जिले में इससे संबंधित जागरूकता अभियान प्रशिक्षण, कार्यशालाऐं आदि अकादमी के माध्यम से ही कर सकेंगी । स्वतन्त्र रूप से अथवा अकादमी की अनुमति के बिना कोई कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा ।
अवधि
यह अनुबन्ध आज दिनांक से 31 मार्च, 2024 तक मान्य होगा । दोनों संस्थाओं की सहमति इसे आगे बढाया जा सकेगा ।
लक्ष्य
- निरोधात्मक (Preveative)- 5000 प्रतिमाह कुल 30000 पृष्ठ (6 माह में)
- उपचारात्मक (Curative)- 500 प्रतिमाह 3000 पृष्ठ (6 माह में) इस प्रकार 1:10 के अनुपात में कार्य योजना बनानी होगी।
वित्तीय निहितार्थ
पाण्डुलिपि संरक्षण कार्य (MCC) के अन्तर्गत प्रति फोलियों रूपये 15/- की दर से भुगतान देय होगा । जिसमें संरक्षण सामग्री यथा (वेस्टन, माउन्ट बोर्ड, फोल्डर व अन्य रसायन आदि) संबंधित संस्था/व्यक्ति की ओर से सुनिश्चित करना होगी ।
- निरोधात्मक (Preveative)- 5000 पाण्डुलिपि प्रतिमाह(भौतिक लक्ष्य)
- उपचारात्मक (Curative)- 500 पाण्डुलिपि प्रतिमाह (भौतिक लक्ष्य)
कार्य हेतु अनुबन्ध की अन्य शर्ते निम्नानुसार है :-
- संस्था/व्यक्ति राजस्थान का निवासी होना चाहिये ।
01 सस्था/ट्रस्ट सहकारी अधिनियम/ट्रस्ट अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत होना चाहिये।राजस्थान संस्कृत अकादमी से मान्यता प्राप्त हो ।
- अकादमी से सम्बद्ध/सरकारी विभाग/उपक्रम आवेदन कर सकते है।
- संस्था या ट्रस्ट की स्थिति में विगत तीन वर्षो का वार्षिक टर्नओवर रूपये 10.00 लाख न्यूनतम होना आवश्यक है ।
- कैटलागिंग का कार्य एन.एम.एम. के प्रारूप के अनुसार पूर्ति की जाकर अकादमी को ऑनलाइन प्रेषित करना होगा।
- भारत सरकार/संस्था अकादमी द्वारा निर्धारित समयावधि में ही कार्य सम्पादित किया जावेगा ।
- संबंधित संस्था द्वारा भारत सरकार/एन.एम.एम.के निर्देशों के आलोक में न्यूनतम योग्य/पात्र कार्मिक नियोजित करने होंगे।
- पाण्डुलिपि का भौतिक स्वामित्व संबधित व्यक्ति/ ट्रस्ट/ संस्था का ही रहेगा, जिसके पास पाण्डुलिपियॉ है।
- नियोजित कार्मिकों/संस्था को जहॉ पाण्डुलिपियॉ उपलब्ध है, वहीं जाकर कार्य करना होगा ।
- प्रति दिन कार्य की प्रगति/ डेटाशीट अकादमी की मेल आई.डी. पर सायंकाल 5:00 बजे तक दैनिक रूप से प्रेषित करनी होगी ।
- डेटा शीट का उपयोग राजस्थान संस्कृत अकादमी/ एन.एम.एम. के अतिरिक्त अन्यत्र कही भी उपयोग नहीं किया जा सकेगा । अनुबन्ध की पालना नहीं किये जाने की स्थिति में अकादमी विधिक कार्यवाही के लिये स्वतन्त्र होगी
- आवेदक को निर्धारित लक्ष्य अनुरूप अमानत राशि 5 प्रतिशत अकादमी को जमा करानी होगी । जिसे समाप्ति पर लौटाया जा सकेगा ।
- प्राप्त आवेदनों पर अंतिम निर्णय अकादमी स्तर पर लिया जावेगा । प्राप्त आवेदन को स्वीकार करने अथवा निरस्त करने का अधिकार राजस्थान संस्कृत अकादमी को होगा।