अन्धं तम: प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते ।
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अन्धं तम: प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते ।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायां रता:।। यजु; 40.12
जो मनुष्य अविद्या की उपासना करते हैं वे अज्ञान स्वरूप धोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं और जो मनुष्य विद्या में रत हैं (अर्थात् ज्ञान के मिथ्याभिमान में मत हैं) वे उससे से भी अधिक गहन अन्धकार में प्रवेश करते हैं।
अन्धं तम: प्रविशन्ति येऽविद्यामुपासते ।
ततो भूय इव ते तमो य उ विद्यायां रता:।। यजु; 40.12
जो मनुष्य अविद्या की उपासना करते हैं वे अज्ञान स्वरूप धोर अन्धकार में प्रवेश करते हैं और जो मनुष्य विद्या में रत हैं (अर्थात् ज्ञान के मिथ्याभिमान में मत हैं) वे उससे से भी अधिक गहन अन्धकार में प्रवेश करते हैं।
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