सामान्य नियम – पुरस्कार


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सम्मान एवं पुरस्कार हेतु सामान्य नियम

  1. राज्यस्तरीय पुरस्कार एवं सम्मान केवल राजस्थान प्रान्त में निवास करने वाले विद्वान् को प्रदान किया जावेगा।

       राजस्थान के निवासी से तात्पर्य उस व्यक्ति से है, जो:-

       (अ) राजस्थान का मूल निवासी हो      

अथवा

       (ब) पुरस्कार विज्ञप्ति निकलने के कम से कम 15 वर्ष पूर्व से राजस्थान में निवास कर रहा हो ।     

अथवा

       (स) ऐसा प्रवासी राजस्थानी जिसका परिवार मूलतः राजस्थान का निवासी हो और जिसने राजस्थान स्थित शिक्षा संस्थाओं में कम से कम 6 वर्ष तक शिक्षा प्राप्त की हो।

अथवा

       (द) जिनकी अचल सम्पत्ति राजस्थान में पुरस्कार आवेदन की तिथि से 15 वर्ष पूर्व से विद्यमान हो।     

  1. अकादमी पुरस्कारों के लिए प्रस्तुत की जाने वाली –

       (अ) कृति/कृतियाँ मुद्रित अथवा पाण्डुलिपि किसी भी रूप में हो सकती है।

       (ब) कृति/कृतियाँ यदि प्रकाशित है तो विज्ञप्ति के प्रकाशन वर्ष से अधिक से अधिक पॉंच वर्ष पूर्व की अवधि में प्रथम  संस्करण के रूप में प्रकाशित होनी चाहिए।

       (स) कृति/कृतियों में मुद्रित 100 पृष्ठ अथवा मुद्रित 100 पृष्ठों के योग्य हस्तलिखित सामग्री होनी चाहिए।

       (द) कृति/कृतियों की भाषा केवल संस्कृत ही होनी चाहिए।

       (य)            कृति स्वयं द्वारा लिखित मौलिक होनी आवष्यक है। इसमें किसी प्रकार की कमी पाये जाने पर आवेदन कर्त्ता           की स्वयं की जिम्मेदारी होगी।

       (र) आवेदक को आवेदन पत्र के साथ कृति/कृतिया की एक-एक प्रतियॉं प्रस्तुत करनी होगी, जो कि वापिस नहीं लौटायी जायेगी।

  1. वे लेखक जो अकादमी के किसी सम्मान/पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं, उनका पुनः उसी सम्मान/पुरस्कार के लिए आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकेगा।
  2. किसी विश्वविद्यालय अथवा शैक्षणिक संस्थान की डिग्री (उपाधि अथवा डिप्लोमा के लिए लिखे गये शोध प्रबन्ध को पुरस्कार हेतु सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
  3. अन्यत्र पुरस्कृत कृतियॉं –

       ऐसी कृतियॉं, जो राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर के  सम्मान/पुरस्कार राशि से अधिक राशि वाले पुरस्कार अन्य किसी भी संस्था, विभाग से प्राप्त कर चुकी है, उन्हें इन पुरस्कारों के लिए सम्मिलित नहीं किया जावेगा। किन्तु समान राशि वाले अथवा पूर्व में अन्य संस्थाओं से प्राप्त राशि से अधिक राशि वाले पुरस्कारों के लिए उन्हें प्रस्तुत किया जा सकेगा।

  1. अध्यक्ष के अधिकार –
  2. अकादमी के माननीय अध्यक्ष अपने कार्यालय में सम्मान/पुरस्कार निर्णयार्थ संदर्भ व्यक्तियों की एक सूची रखेंगे। उपर्युक्त किसी भी पुरस्कार के लिए कृति प्राप्त न होने पर या निर्णायकों द्वारा कोई कृति पुरस्कारार्थ योग्य घोषित न करने पर माननीय अध्यक्ष महोदय उन सन्दर्भ व्यक्तियों से पुरस्कारार्थ नवलिखित अथवा प्रकाशित ऐसी रचनाओं के नाम मांग सकेंगे, जो उनकी दृष्टि में वांछित पुरस्कारों के लिए विचार योग्य हो। अन्य पुरस्कार योग्य कृति के संबंध में पूर्ण सूचना मिलने पर स्वयं अध्यक्ष महोदय उसे लेखक से आमन्त्रित कर सकेंगे।
  3. पुरस्कारों के विषय में माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा घोषित किया गया निर्णय अन्तिम एवं सर्वमान्य होगा।
  4. किसी पुस्तक या पुस्तकों के लिए चयन की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप या अनुचित व्यवहार होने पर ऐसी पुस्तकों को अकादमी अध्यक्ष के आदेश से पुरस्कार प्रतियोगिता से बाहर किया जा सकेगा।
  5. प्रमाण-पत्र जो आवेदन पत्र के साथ संलग्न करने हैं –
  6. पुरस्कार के लिए प्रस्तुत की गई रचना आवेदक की स्वयं रचित है तथा मौलिक है।
  7. प्रस्तुत रचना किसी विश्वविद्यालय अथवा शैक्षणिक संस्थान में डिग्री (उपाधि) या डिप्लोमा हेतु      उपस्थापित/लिखित शोध प्रबन्ध नहीं है।
  8. रचना को पूर्व में प्राप्त पुरस्कार/पुरस्कारों की राशि अकादमी के जिस पुरस्कार के लिए यह रचना प्रस्तुत की गई, उससे अधिक नहीं है।

      

  1. सम्मान/पुरस्कारों का चयन करना –

       अकादमी के माननीय अध्यक्ष द्वारा नियुक्त 5 सदस्यीय समिति द्वारा सम्मान हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों में 3 प्रौढ़ एवं 2 युवा विद्वान चयनित किये जायेंगें जो लेखक/रचनाधर्मी/संस्कृत सेवी क्षेत्र से संबंधित होंगे, चयन समिति में अध्यक्ष एवं निदेषक अकादमी के अतिरिक्त 3 सदस्यो का मनोनयन अध्यक्ष, अकादमी द्वारा किया जायेगा।

  1. अकादमी द्वारा निर्धारित आवेदन-पत्र में ही आवेदन करना अनिवार्य है।
  2. निर्धारित तिथि के पश्चात् प्राप्त आवेदन-पत्रों पर किसी भी स्थिति में विचार नहीं किया जायेगा।
  3. अपूर्ण अथवा अस्पष्ट आवेदन-पत्रों को पुरस्कार योजना में सम्मिलित नहीं किया जायेगा।
  4. सम्मान/पुरस्कार हेतु प्रस्तुत की गई रचनायें या अन्य सामग्री पुनः आवेदक को लौटायी नहीं जायेगी।
  5. पूर्व में आवेदन पत्र के साथ प्रस्तुत किये गये दस्तावेज एवं रचनाओं को नवीन आवेदन पत्र के लिये मान्य नहीं किया जावेगा। आवेदक द्वारा आवेदन-पत्र के साथ सम्पूर्ण दस्तावेज एवं कृतियॉं एवं संसकृत के संरक्षण संवर्धन, विकास एवं विस्तार सम्बन्धी प्रस्ताव संलग्न कर अकादमी कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
  6. संस्कृत सप्ताह के अन्तर्गत विद्वन सम्मान अकादमी के पूर्व में निर्धारित सम्मानों के अतिरिक्त होगा तथा वार्षिक सम्मानों के लिये निर्धारित दिषा निर्देषों में षिथिलन का अधिकार चयन समिति को होगा।
  7. उक्त सम्मान के लिए विगत 2 वर्षो में अकादमी/पुरस्कार प्राप्त कर्ताओं का आवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा।
  8. सम्मान/पुरस्कार सम्बन्धित किसी भी विवाद का न्याय क्षेत्र जयपुर होगा।
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