सम्बद्धता-मान्यता संबंधी मार्गदर्शिका – फॉर्म

सम्बद्धता-मान्यता संबंधी मार्गदर्शिका – फॉर्म

राजस्‍थान संस्‍कृत अकादमी

जे.15, अकादमी संकुल (द्वितीय तल)
झालाना संस्‍थानिक क्षेत्र, झालाना डूंगरी, जयपुर – 302004
फोन नं. 0141.2709120
ई मेल  – rajasthansanskritacadmey@gmail.com
वेबसाईट – www.rajasthansanskritacademy.com
www.facebook.com/Rajsanskritscademy

 

राजस्थान संस्कृत अकादमी के अन्तर्गत संस्कृतनिष्ठ गैर सरकारी संगठनों/संस्थाओं हेतु सम्बद्धता-मान्यता संबंधी मार्गदर्शिका

राजस्थान राज्य के ऐसे अनेक संस्कृतनिष्ठ गैर सरकारी संगठन/संस्थाऐं  है जो संस्कृत भाषा, साहित्य एवं अन्य संस्कृत विषयक रचनात्मक गतिविधियों/कार्यक्रमों का आयोजन राज्य के किसी भी जिले एवं दूरस्थ क्षेत्रों में सतत् रूप से कर रहे हैं । ऐसे संगठनों को संस्कृत भाषा के सार्वकालिक संरक्षण- संवर्द्धन, प्रोन्नति एवं प्रोन्नयन की दृष्टि से अकादमी की गतिविधियों स प्रत्यक्षतः जोडे जाने, विषिष्ट गतिविधियांे के पारस्परिक आदान-प्रदान, अकादमी के विषिष्ट कायों/योजनाओं को एक माध्यम से क्रियान्वित कराये जाने एवं ऐसे संगठनों को यथोचित आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने, अकादमी के अन्तर्गत होने वाले शोध, संग्रहण, सर्वेक्षण, मुद्रण, प्रकाषन, वितरण से प्रत्यक्षतः ऐसे संगठनों को जोडने की दृष्टि से अद्यतन जारी सभी नियम-प्रक्रियाओं को अतिक्रमित करते हुए नियमानुसार संबद्धता एवं मान्यता नियम जारी किये जाते है:-

  1. संबद्धता-मान्यता हेतु शर्ते –

  (1)      कोई भी संस्कृतनिष्ठ सरकारी गैर सरकारी संगठन एवं संस्था को राजस्थान सोसायटीज पंजीकरण अधिनियम-1958 के अन्तर्गत अथवा अन्य सक्षम विधिक प्रक्रियान्तर्गत पंजीकृत होना चाहिये ।

  (2)     संगठन न्यूनतम 3 वर्ष से पंजीकृत हो तथा उसके द्वारा संस्कृत विषयक गतिविधियॉं आयोजित की जाती रही हो ।

  (3)     सगठन/संस्था द्वारा पंजीयन के पश्चात नियमित शैक्षिक/साहित्यिक/सांस्कृतिक आदि गतिविधियॉं आयोजित की जा रही हों ।

  (4)    संगठन/संस्था का कार्यालय राज्य के किसी भी नगर/ग्राम में अवस्थित हो।

  (5)    संगठन/संस्था की जनसाधारण, प्रशासन और सामाजिक संगठनों में अच्छी साख हो तथा महिलाओं की समुचित भागीदारी हो ।

  (6)    संगठन/संस्था की कार्यकारिणी में यथासंभव सामाजिक प्रतिनिधित्व समाहित हो ।

  (7)     वित्तीय प्रबंधन पारदर्शी, व्यवस्थित एवं नियमित अंकेक्षित प्रक्रिया से शासित हो।

           संगठन के आय के स्रोत पारदर्शी हों ।

  (8)  संगठन व इसके पदाधिकारियों को आपराधिक प्रकरण में दोषी नहीं ठहराया गया हो ।

  (9)  संगठन द्वारा मान्यता के लिये निर्धारित शर्तो की पालना सुनिश्चित की जाना आवश्यक है।

  (10)  मान्यता हेतु प्राप्त आवेदनों की जॉंच हेतु अकादमी अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जावेगा ।

           समिति द्वारा बिन्दु संख्या 01 से 09 के क्रम में अपनी अभिशंषा अकादमी अध्यक्ष/महासमिति को भेजी जायेगी । अभिशंषा में स्पष्ट टिप्पणी मय हस्ताक्षर होगी कि संगठन को किस आधार पर मान्यता प्रदान की जावें अथवा नहीं ।

2. संबद्धता-मान्यता हेतु अवधि-

  (1)     संबद्धता-मान्यता तीन वित्तीय वर्ष के लिये होगी । (संस्था का प्रारम्भिक सम्बद्धता शुल्क रू.11000/- तथा

  (2)     नवीनीकरण हेतु राशि त्रैमासिक नवीनीकरण शुल्क रू.5100/- निर्धारित रहेगा ।

  (3)     इन नियमों के अन्तर्गत पुराने व नये संगठनों को मान्यता लेना आवश्यक होगा।

  1. संबद्धता-मान्यता प्रक्रिया –

 (1)      सभी संगठनों को निर्धारित प्रारूप स्वरूप में ऑनलाइन आवेदन पूर्ण कर प्रक्रिया 07 दिवस में हार्डकॉपी में अकादमी कार्यालय में मय सत्यापित दस्तावेज सहित जमा करानी होगी ।

 (2)      संगठन/संस्था के निर्धारित कार्यक्षेत्र के अनुसार ही मान्यता दी जावेगी । यदि पंजीयन का क्षेत्राधिकार सम्पूर्ण राजस्थान है तो मान्यता भी सम्पूर्ण राजस्थान के लिये ही मान्य होगी ।

 (3)      मान्यता हेतु आवेदन आवेदन दस्तावेज के साथ ऑनलाइन चालान की रसीद की सत्यापित प्रति लगानी होगी ।

  1. (अ) प्रार्थना- पत्र में निम्न विवरण सम्मिलित होगा-

   (1)    संगठन का नाम ।

   (2)    संगठन का पंजीयन क्रमांक

   (3)    संगठन के प्रधान कार्यालय के पत्र व्यवहार का पता एवं मेल आईडी।

   (4)   संगठन के पदाधिकारियों के नाम व पता एवं उनके कार्यस्थल, निवास, मोबाइल फोन/मेल आईडी नम्बर ।

   (5)   बैंक खाते की जानकारी ।

   (6)   संगठन के उद्देश्य में संस्कृत संबर्द्धन का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन ।

   (7)    संगठन का कार्यक्षेत्र ।

   (8)   अन्य कोई जानकारी ।

   (9)   संगठन की परिसम्पत्तियों का विवरण दो प्रतियों में एक नोट प्रार्थना-पत्र के साथ संलग्न किया जावेगा ।

  1. (ब) राजस्थान संस्कृत अकादमी के विधान के अनुसार 4 मान्यता प्राप्त संस्थानों के प्रतिनिधि ही महासमिति के सदस्य के रूप में मनोनयन के योग्य होंगे । परन्तु किसी भी मान्यता प्राप्त संगठन का जो महासमिति में लिया गया है, उसके संगठन को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता/अनुदान देय नहीं होगा ।
  2. मान्यता प्राप्त संगठनों द्वारा संस्था/संगठन के वार्षिक गतिविधियों के लिये 01 अप्रेल से 31 मार्च तक अकादमी द्वारा उपलब्ध करायी गयी वित्तीय सहायता का अंकेक्षित आय-व्यय विवरण एवं गतिविधियों का प्रतिवेदन मय फोटोग्राफस 31 जुलाई तक प्रस्तुत करने होंगे ।
  3. प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थाओं एवं संगठनों की सूची प्रकाशित/संप्रदर्शित की जावेगी ।
  4. किसी भी मान्यता प्राप्त संगठन की मान्यता स्थायी रूप से अथवा किसी जॉंच के अध्यक्षीय मान्यता प्रदान करने वाले अधिकारी द्वारा निम्नलिखित में से एक अथवा अधिक आधारों पर निलम्बित अथवा रद्द की जा सकेगी:- (मान्यता का निलम्बन/निरस्त किया जाना)

(1) निर्धारित शर्तो की पालना न होने की स्थिति में ।

(2) अनियमित कार्यकलापों एवं नियमों की अवहेलना होने की स्थिति में ।

(3) संगठन/पदाधिकरी को न्यायालय द्वारा सजा/दण्डित किये जाने पर ।

(4) अनुदान/वित्तीय सहायता को दुरूपयोग एवं वित्तीय विपथन किये जाने पर ।

(5) निर्देशानुसार कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जाने पर ।

(6) प्रतिवर्ष 01 अप्रेल से 31 मार्च तक संस्कृत के कार्यकलापों का प्रतिवेदन एवं ऑडिट रिपोर्ट यथासमय प्रस्तुत नहीं किये जाने पर मान्यता समाप्त किये जाने से पूर्व संगठन को मान्यता देने वाले अधिकारी द्वारा सुनवाई एवं उसका पक्ष प्रस्तुत करने का युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया जावेगा ।

(संजय झाला)
निदेशक
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