- प्रस्तावना
राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के आलोक में अकादमी वेदाध्ययन की गुरूकुल परम्परा के संरक्षण-संवर्द्धन-प्रोत्साहन हेतु सतत् कार्यरत है। वर्तमान में राज्य में संचालित उक्त वेदाश्रमों द्वारा यजुर्वेद संहिता के कंठस्थीकरण का कार्य किया जा रहा है। उक्त कार्य के साथ वैदिक अध्ययन-अध्यापन-अनुसंधान- नवाचार विज्ञान एवं तकनीकी कार्यप्रणाली एवं संस्कृत और संस्कृति विषयक समस्त गतिविधियों के व्यापक प्रचार-प्रसार के आलोक में वेदाश्रम की गतिविधियों को प्रोत्साहित करना प्रासंगिक है। परस्पर स्वस्थ स्पर्धा के संवर्द्धन हेतु भी यह योजना प्रस्तावित है।
2. योजना का नाम
उक्त योजना का नाम ’श्रेष्ठ वेदाश्रम-विद्यार्थी राज्य स्तरीय पुरस्कार-प्रशस्ति योजना’ होगा। यह पुरस्कार प्रत्येक वित्तीय वर्ष में श्रेष्ठ 2 संचालक संस्था एवं दो श्रेष्ठ विद्यार्थियों को प्रदान किया जायेगा।
- उद्देश्य
इसका उद्देश्य वैदिक शिक्षा का व्यापक-प्रसार, वेदाश्रमों में वेदाध्ययन के अतिरिक्त संस्कृत-संस्कृति संवर्द्धन विषयक कार्यक्रमों-गतिविधियों-प्रतियोगिताओं के प्रोत्साहन, वैदिक शिक्षा में नवाचार, वैदिक लेखन, प्रकाशन एवं सॉफ्टवेयर एप निर्माण, धार्मिक-सामाजिक एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों और गतिविधियों में सहभागिता, नैतिक शिक्षा की अनुपालना और प्रेरणा होगा। छात्रों की वैदिक शिक्षा दक्षता (परीक्षा में सर्वोच्च अंकों के आधार पर) को प्रोत्साहित करना होगा।
- चयन प्रक्रिया
चयन प्रक्रिया हेतु प्रत्येक वित्तीय वर्ष में अध्यक्ष/निदेशक सहित 3 वैदिक विद्वानों की एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया जावेगा। वेद विद्यालयों द्वारा इस हेतु 31 मार्च तक यथानिर्धारित प्रारूप में आवेदन यथानिर्देश प्रस्तुत किये जा सकेंगे। राज्य स्तरीय समिति आवेदनों की जाँच-सत्यापन एवं पुष्टि करेगी/करायेगी। आवेदनों के सत्यापन-जांच पश्चात्् समिति निर्णय करेगी। समिति के निर्णय की पुष्टि महासमिति से आवश्यक रूप से करानी होगी।
- चयन के मापदण्ड
चयन समिति द्वारा चयन हेतु निम्नानुसार मापदण्डों पर विचार किया जावेगा।
- वार्षिक आयोजित गतिविधियाँ, वैदिक-संस्कृत-संस्कृति, सामाजिक-धार्मिक एवं राष्ट्रीय।
- नवाचार-विज्ञान-प्रौद्योगिकी-तकनीकी-शोध एवं अनुसंधान से संबंधित गतिविधि।
- वेद विद्यालयों में छात्र संख्या में वृद्वि विगत् तीन वर्ष की तुलनात्मक
- नियमित उपस्थिति विवरण-चालू वर्ष का।
- नैतिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु किये गये प्रयास।
- (छात्रों के संबंध में) वेद परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करना (प्रस्तुति-कंठस्थीकरण-उच्चारण-हस्तसंचलन-दक्षता आधारित)
इस योजना के अन्तर्गत दो पुरस्कार-प्रशस्ति वेदाश्रम संचालक संस्थाओं को क्रमशः
- नवल किशोर कांकर वेद-वेदांग पुरस्कार-प्रशस्ति
- भारती मिश्रा पुरस्कार-प्रशस्ति
एवं
दो पुरस्कार-प्रशस्ति श्रेष्ठ वेद विद्यार्थियों को
- बिहारी पुरस्कार-प्रशस्ति
- पन्नालाल जोशी पुरस्कार-प्रशस्ति
इस प्रकार चार पुरस्कार-प्रशस्ति दिये जाने हैं। पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, शॉल एवं नगद राशि रू. 5100/- वेदाश्रमों को एवं विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, शॉल एवं नगद राशि रू. 2500/- राज्य स्तरीय समारोह में जहाँ अकादमी उपयुक्त समझे, उस स्थान व अवसर पर दिये जा सकते हैं।